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Tuesday, November 24, 2020

A weekday rhyme...


कभी इंतज़ार किया करते थे...
किसी के आ जाने का...

कभी इंतज़ार किया करते थे...
किसी के आ जाने का...

अब ना शिकायत करते है...
किसी के चले जाने का।

[Transliteration]

Kabhi intezar kiya karte the...
Kisi ke aa jaane ka...

Kabhi intezar kiya karte the...
Kisi ke aa jaane ka...

Ab na shikayat karte hai...
Kisi ke chale jaane ka.

 ¿;-)

Friday, November 20, 2020

अधूरे से... [Adhure se...]


अधूरा सफर...
अधूरा सा सपना...

अधूरी कहानी...
अधूरी सी ज़िन्दगी...

अधूरे ख़्वाब...
अधूरे से हम...
¿;-)

[Transliteration]
Adhura safar...
Adhura sa sapna...

Adhuri kahani...
Adhuri si zindagi...

Adhure khwaab...
Adhure se hum...
¿;-)


Wednesday, July 22, 2020

डर लगने लगा है... [Darr lagne laga hai...]



डर लगने लगा है,

जब हमें तोलते है...
हमारी शख्सियत से नही हमारी बोली से
हमारे इररादों से नही हमारी जात से
हमारे विचारों से नही हमारी औकात से

डर लगने लगा है,

के वादों की कोई अहमियत नही...
खुदगर्ज़ी से कोई परहेज नही...
अब यूँ रंग बदलते है इंसान...
दिन ढलते मुकर जाते है वादे भी।

मुस्कुराहट के पीछे कई राज़ होते है...
लफ़्ज़ों में न कोई जस्बात होते है।
अपनी खुशी दूसरों के आसूं ही सही...
आख़िर कोसना तो मजबूरी को ही है।

डर लगने लगा है... क्या बदलता दौर है या बदलता इंसान है?
¿;-)

[Transliteration]
Darr lagne laga hai,

jab humhe tolte hai...
Humhari shaksiyat se nahi humhari boli se
Humhare irradon se nahi humhari jaat se
Humhare vicharon se nahi humhari aukaat se

Darr lagne laga hai,

Ke vaadon ki koi ahmeeyat nahi...
Kudhgarzi se koi parhez nahi...
Ab yu rang badalte hain insaan...
Din dhalte mukar jaate hai vaadein bhi.

Muskurahat ke peeche kayi raaz hote hai...
Lafzon mein na koi jasbaat hote hai.
Apni khushi doosre ke aasoon hi sahi...
Aakhir kosna toh majboori ko hi hai


Darr lagne laga hai... Kya badalta daur hai ya badalta insaan hai?
¿;-)

Saturday, February 21, 2015

हमसफर

एक चाह की ज़िंदगी का सफर सुहाना हो...
उस हमदम की बाहों में अपना आशियाना हो.
मुस्कुरा उठा मैं यूहीं बेवजह...
बिन सोचे चल पड़ा हूँ इस राह.
मंज़िल की परवाह नहीं जब साथ तुम्हारा हो...
खिल उठता है राह जब हमसफर तुम सा प्यारा हो.

तेरी मुस्कुराहट आँखों के सामने हमेशा है रेहती
मेरे मन्न में तेरी खिलखिलाती हंसी है गूंजती
ओ मेरे खुदा...
ये खुशी ज़िंदगी भर के लिये क्यू नहीं...
शायद ज़िंदगी भर की खुशी एक पल में ही सही...
¿;-)

Saturday, October 15, 2011

इंतज़ार ..

तेरी यादों की पनाह में खोया रहता हूँ..
तेरी हर मुस्कान दिल में संजोयें रहता हूँ |
आँखें बंद करुं तो ख्वाबों में तू.. तेरी हंसी..
मेरी धड़कन कहे.. इस दिल में सिर्फ तू है बसी |

मुझ से दूर होकर भी मेरे दिल के है तू पास..
तेरे साथ हूँ तो एक एहसास है कुछ ख़ास |
तुझे मायूस देख मेरा दिल मुझसे रूठ जाये..
तेरी खुसी के लिए चाहे ये जहां छूट जाये |

चाहत तुमसे हर एक सास में बरकरार..
कैसे कहूँ के मुझे तुमसे है प्यार बेशुमार |
कभी ना हो मुझसे मेरे प्यार का इज़हार..
क्यों करता हूँ तुमसे फिर मिलने का इंतज़ार |
¿;-)